रविवार, 4 मई 2025

भूल जाइए पहलगाम, आइए बद्रीधाम

 

घटनाएं, दुर्घटनाएं भूलने के लिए ज्यादा याद रखने के लिए कम होती हैं. आपको भी सरकार की तरह 22अप्रैल को हुए पहलगाम हत्याकांड को भूलकर अपने काम धंधे पर लग जाना चाहिए. किसी हादसे से दुनिया रुक नहीं जाती. हिरोशिमा नागासाकी से पहलगाम हत्याकाके बीच दुर्दिनों की लंबी फेहरिश्त है. किस किस को याद कीजिए, किस किस को रोइए,,,,

अब देखिए न चारधाम में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। पूरा मंदिर फूलों से सजाया गया है। इस मौके पर मंदिर पर फूलों की वर्षा की गई। कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और भगवान बद्रीविशाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। बता दें कि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। चार धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है।किसी को फुर्सत नहीं सरकार से सवाल करने की? 

राजनीतिक दल अपना काम कर रहे हैं, कारोबारी अपना कारोबार कर रहे हैं. रो सिर्फ वे लोग रहे हैं जिनके परिजन मारे गए हैं. हमारे बुंदेलखंड में कहावत हैकि जिसका मरता है वही रोता है. दूसरा तो रोने का दिखावा करता है. ध्रुवीकरण चालू आहे. महाराष्ट्र देश का सबसे महत्वपूर्ण सूबा है. यहाँ भी ध्रुवीकरण जारी है.उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने शनिवार को राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना  से गठबंधन के संकेत दिए है। पार्टी ने एक्स पर लिखा- मुंबई और महाराष्ट्र के हित के लिए एकजुट होने का समय आ गया है। पार्टी कार्यकर्ता मराठी गौरव की रक्षा के लिए तैयार हैं।

इससे पहले 19 अप्रैल को राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव से गठबंधन पर कहा था कि, 'उद्धव से राजनीतिक मतभेद हैं, विवाद हैं, झगड़े हैं, लेकिन यह सब महाराष्ट्र के आगे बहुत छोटी चीज हैं। महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हित के लिए साथ आना कोई बहुत बड़ी मुश्किल नहीं है।'

राज ठाकरे ने अभिनेता और निर्देशक महेश मांजरेकर के यू-ट्यूब चैनल पर यह बात कही थी। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां छोड़कर आगे बढ़ने को तैयार हैं। बशर्ते महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को बर्दाश्त न किया जाए।

मैने कहा देश, दुनिया किसी के लिए रुकती नहीं है. कहाँ रुकती है? मप्र में सरकार नहीं रूक रही. एक बार फिर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सरकार 5 हजार  करोड का ऋण लेने जा रही है. कर्ज का घी, कंबल ओढकर पी. कर्ज हर सरकार की मजबूरी है. केंद्र सरकार भी जनता के लिए बार बार कर्जदार बनती है और राज्य सरकार भी. दैनों जनता की साख पर कर्ज लेती है. हमारे यहाँ तो ऋण कहा जाता है. हम पितृ ऋण अदा करते हैं. सरकार का कोई पिता नही होता, जनता जनार्दन होती है.उसी के लिए सरकार को कर्जदार होना पडता है.

पहलगाम हत्याकांड का मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी पर कोई असर नहीं पडा. उनके अंगने में जैकलिन को नाचना था सो नाची. असली और खानदानी ज्योतिरादित्य सिंधिया के  पापा भी ये सब इंतजाम नहीं कर पाए थे. तोमर ने कुछ वर्ष पहले अपने पिता के मृत्युभोज में मात्र एक बोरी शक्कर गलवाकर आदर्श प्रस्तुत किया था. तब मैने संपादकीय लिखकर उसे सराहा था. लेकिन आज मै मेला मैदान में शाही शादी की दावत पर गूंगा हूँ. कुछ नहीं लिख पा रहा. किसी की खुशियों पर टिप्पणी करना पत्रकारिता नहीं है. हालांकि मैने स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की बेटी चित्रांगदा और बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया की शाही शादी में फिजूलखर्ची और सरका संसाधनों के दुरुपयोग पर खूब लिखा था.दुरुपयोग आज भी हो रहा है, बल्कि ज्यादा हो रहा है. पूरा शहर हलकान है युवराज के लिए आयोजित दावत ए वलीमा में उमडने वाली आम और खास भीड की वजह से.

सब जानते हैं कि मै बिना राग, द्वेष के लिखता रहा हूं. आगे भी लिखता रहूँगा, क्योंकि मुझे अपने सिवा किसी और से डर नहीं लगता. डरने वाली जमात अलग है. ये जमात भी पहलगाम को भूलकर  नाच रही है, अभिनंदन कर रही है. पुलिस कप्तान से पिट रही है.पिट तो जनता भी रही है, लेकिन बचाने वाला कोई नहीं है.जागते रहो!

@राकेश अचल

मई माह में पडने वाले जैन पर्व त्यौहार

 

रविवार 4 मई 2025, का पंचांग

*सूर्योदय :-* 05:39 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:57 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : ग्रीष्म ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज वैशाख माह शुक्ल पक्ष *सप्तमी तिथि*  07:18 बजे  तक फिर अष्टमी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* पुष्य नक्षत्र 12:53 बजे तक  फिर आश्लेषा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *गंड*  है।

*करण*  :-आज  *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक नहीं है भद्रा 07:18 बजे से 19:21 बजे तक है  गंडमूल 12:53 बजे से  है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 17:17 बजे से 18:57 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:52 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: जैन अष्टमी 

*मुहूर्त* :

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मेष, चन्द्र-कर्क, मंगल-कर्क बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

उद्वेग 05:39 - 07:19 अशुभ

चर 07:19 - 08:59 शुभ

लाभ 08:59 - 10:38 शुभ

अमृत 10:38 - 12:18 शुभ

काल 12:18 - 13:58 अशुभ

शुभ 13:58 - 15:38 शुभ

रोग 15:38 - 17:17 अशुभ

उद्वेग 17:17 - 18:57 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

शुभ 18:57 - 20:17 शुभ

अमृत 20:17 - 21:37 शुभ

चर 21:37 - 22:58 शुभ

रोग 22:58 - 24:18*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शनिवार, 3 मई 2025

शहर लोगों को नियमित रूप से शुद्ध पानी मिले : नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय

पेयजल वितरण व्यवस्था एवं सीवर संधारण के कार्यों की समीक्षा बैठक

ग्वालियर 3 मई ।  शहरवासियों को नियमित रूप से शुद्ध और पर्याप्त पेयजल मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। पेयजल वितरण में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तत्काल निराकरण भी सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही सीवर से संबंधित समस्याओं का निराकरण भी 24 घंटे में हो, यह सुनिश्चित किया जाए। संबंधित अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में पेयजल वितरण की नियमित समीक्षा करें। नगर निगम आयुक्त श्री संघ प्रिय ने शनिवार को पेयजल वितरण व्यवस्था एवं सीवर संधारण के कार्यों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए हैं। 

नगर निगम के बाल भवन में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ सीवर एवं पेयजल वितरण के लिये कार्य कर रहे ठेकेदारों को भी बैठक में बुलाकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में अपर आयुक्त श्री विजय राज सहित पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 





उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 4 मई रविवार को ग्वालियर आएगें


ग्वालियर 3 मई ।  उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 4 मई को ग्वालियर पधारेंगे। ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। उप राष्ट्रपति 4 मई को दिल्ली से विशेष विमान द्वारा रवाना होकर शाम 5.45 बजे वायुसेना के विमानतल पर पधारेंगे। 
उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ शाम 5.55 बजे राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों से परस्पर संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके पश्चात विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के यहाँ आयोजित मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होकर रात्रि लगभग 8.05 बजे ग्वालियर विमानतल से नई-दिल्ली के लिये प्रस्थान करेंगे। 

मप्र की सचल कैबिनेट या तुष्टिकरण ?


मप्र में शायद सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है. यानि अमन है, चैन है. तभी तो मप्र सरकार की कैबिनेट बैठक इस बार भोपाल के बजाय इंदौर में आयोजित की गई है.सरकार रानी अहिल्या बाई के प्रति अपने सम्मान का मुजाहिरा करना चाहती है. रानी की 300वीं जयंती 20 मई को है.

भोपाल से बाहर मंत्रिमंडल की बैठकों की रिवायत नयी नहीं है. राजा, महाराजा, ननबाब और अंग्रेज ये शौक फरमाते रहे हैं. चुनी हुई लोकतान्त्रिक सरकारों ने भी इस रिवायत को छोडा नहीं है. ग्वालियर रियासत में राजधानी गर्मियों में ग्वालियर से हटकर शिवपुरी ले जाई जाती थी. भोपाल वाले पचमढी की शरण लेते थे. इस तरह सचल कैबिनेट के तमाम किस्से हैं. लेकिन मोहन यादव सरकार की कैबिनेट बैठक इंंदौर में होना अलग बात है.

बैठकें राजधानी भोपाल में हों या बाहर कोई खास फर्क नहीं पडता. थोडा बहुत वित्तीय बोझ पडता है तो सुशासन के नाम पर उसे झेलना जनता की जिम्मेदारी है. सवाल ये है कि रानी अहिल्या बाई के सम्मान की फिक्र अचानक क्यों करने लगी सरकार. कल को ग्वालियर वाले महाराज कहेंगे कि बैजाबाई के सम्मान में बैठक ग्वालियर करो तो जाना पडेगा. परसों रानी दुर्गावती  के सम्मान का मुद्दा खडा हो सकता है. लेकिन भविष्य की फिक्र कौन करता है. सबको आज की फिक्र है. आज रानी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जयंती  का मामला है.

कैबिनेट का सथान, समय बदलने से कैबिनेट का चरित्र नहीं बदल सकता. कैबिनेट सामंतों के सम्मान में जो करे सो कम है क्योंकि आज भी सत्ता प्रतिषकी मानसिकता पर होल्करों और सिंधियाओं का असर है. सामंतवाद का नशा उतरने में बहुत वक्त लेता है. फिर यदि सामंत सत्ता प्रतिष्ठान का अभिन्न अंग हों तो इस विषय पर बहस ही बेमानी है.

मै किसी का दिल नहीं दुखाना चाहता. किसी के सम्मान में गुस्ताखी नहीं करना चाहता किंतु जानना चाहता हूँ कि सूबे के वजीरेआला खुद 31दिन में से कितने दिन सचिवालय में अपने कार्यालय में बैठे? माननीय डॉ मोहन यादव का पांव भोपाल में टिकता ही कहां है. वे सबसे ज्यादा सचल मुख्यमंत्री हैं. उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान से भी ज्यादा सचल मुख्यमंत्री हैं.उनका एक पांव हैलीकाप्टर में तो दूसरा हवाई जहाज में रहता है.

खबर है कि यह बैठक इंदौर के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के राजबाड़ा परिसर में होगी। सुशासन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रतीक देवी अहिल्याबाई के सम्मान में यह बैठक मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशा के अनुरूप आयोजित की जा रही है। बैठक की प्रशासनिक तैयारियाँ प्रारंभ हो गयी हैं. कलेक्टर आशीष सिंह सब काम छोडकर कैबिनेट बैठक की तैयरियों में लगे है.कलेक्टर सिंह ने बैठक के दौरान आयोजन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं-मंत्रीगणों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आवास, परिवहन, यातायात, बैठक स्थल की तैयारी और भोजन आदि की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं समय पर और आयोजन की गरिमा के अनुरूप पूरी की जाएं ताकि किसी भी अतिथि को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।

प्रशासन ने राजबाड़ा को भव्य रूप से सजाने, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने और शहर में यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। यह आयोजन न केवल देवी अहिल्याबाई के योगदान को श्रद्धांजलि है, बल्कि इंदौर के सांस्कृतिक गौरव को भी रेखांकित करेगा।

मै इस बैठक के रत्तीभर खिलाफ नहीं हूं, क्योंकि मुझे पता है कि बीन कहाँ बजाना चाहिए और कहां नहीं.इस बैठक से इंदौर का, अहिल्या बाई का कुछ भला हो तो जरूर हो लेकिन सूबे के दूसरे अंचलों की उपेक्षा भी नहीं की जाना चाहिए. विकास समेकित हो,, बैठक भले ही आप श्रीनगर में कर लीजिये, कोई फर्क नहीं पडने वाला.पिछले 16महीने में प्रशासन के कामकाज पर अभी तक डॉ मोहन यादव की छाप नजर नहीं आ रही. उनकी पुलिस का इकबाल खत्म हो रहा है. पुलिस थाने में पिट रही है. पुलिस कमिश्नर प्रणाली से चल रहे भोपाल और इंदौर में लव जिहाद चल रहा है, किंतु कहीं, कोई हलचल नहीं.

विकास की दौड मेहर मुख्यमंत्री इंदौर पर दांव लगाता आया है. कांग्रेस के राज में भी यही दशा थी, भाजपा के राज में भी यही सब चल रहा है. ग्वालियर और  जबलपुर की चिंता किसी को नहीं है. भोपाल राजधानी होने की वजह से विकसित हो ही रहा है. इंदौर में कैबिनेट की बैठक का खर्च इंदौर से थोडे ही वसूल किया जाएग. ये तो हमारी, आपकी जेब से ही वसूल किया जाएगा. 20 मई के बाद देखते हैं कि क्या गुल खिलता है? हमारी शुभकामनाएं.

@ राकेश अचल

शुक्रवार, 2 मई 2025

भाजपा सरकार में दलित नहीं सुरक्षित, यादवों ने दलित युवक को बेरहमी से पीटकर उतारा मौत के घाट

 Aapkedwar news –अजय अहिरवार ब्यूरो चीफ 

चंदेरा – भाजपा सरकार दलितों के हक और अधिकार के लिए बड़े बड़े दावे और डींगे छोड़ती है तो वहीं भाजपा सरकार में दलित दबंगों के अत्याचार से पीड़ित है प्रदेश के मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव दलितों पर हो रहे दिन प्रतिदिन अत्याचारों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे यादव समाज के लोग मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव का जाति के नाम पर फायदा उठा रहे है इन पर कार्यवाही न होने से यादव समाज के हौसले बुलंद होते जा रहे है मध्यप्रदेश में आए दिन दलितों के साथ शर्मनाक हादसे हो रहे है और शासन प्रशाशन हाथ पर हाथ धरे बैठी नजर आ रही है ऐसा ही मामला टीकमगढ़ जिले के चंदेरा थाना अंतर्गत ग्राम मैदवारा में देखने को मिला है जहां कुछ यादवों के द्वारा दलित युवक की बेरहमी से पीट पीट कर हत्या कर दी है।

मामले की जानकारी देते हुए मृतक के भतीजे संगम अहिरवार ने बताया कि ग्राम के यादवों के साथ जमीन को लेकर कुछ विवाद चल रहा था मेरे चाचा उमेश अहिरवार उम्र लगभग 32 साल अपने खेत पर बकरी चराने के लिए गये थे जहां पहले से ग्राम के ही दीपक यादव,धर्मपाल यादव,उपेंद्र यादव और उनका कोई रिश्तेदार पहले से खेत पर घात लगाए बैठे थे जहां उमेश अहिरवार के साथ चारों ने लाठी डंडों और बल्लामों से मारपीट कर मरणासन्न अवस्था में छोड़कर भाग गए।

  घटना की जानकारी परिजनों को दी तीन घंटे बाद लगी और मौके पर देखने गए तो वहां परिजनों ने देखा कि मृतक उमेश मरणासन्न अवस्था में पड़ा है परिजनों ने तुरन्त घटना की सूचना पुलिस को दी जब तक परिजन मृतक उमेश को अस्पताल ले जाते तब तक उमेश दम तोड़ चुका था कुछ समय बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है परिजनों व ग्रामीणों ने मांग की है कि यदि आरोपियों पर सख्त कार्यवाही के साथ उनके मकानों पर बुलडोजर की कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे भीम आर्मी ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है। अब देखना है कि प्रशासन इस पर क्या कार्यवाही करता है या ऐसे ही दलितों के साथ अत्याचार होते रहेंगे।

स्मृति शेष : कांग्रेस का एक विनम्र चेहरा थीं डा. गिरिजा व्यास

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर गिरिजा व्यास का निधन हो गया है। वो 78 साल की थीं।उनका निधन एक हादसा है.

31 मार्च, 2025 को उदयपुर के दैत्य मगरी स्थित अपने घर पर वह गणगौर पूजा कर रही थीं तभी एक दीपक की लौ से उनके कपड़ों में आग लग गई।इस हादसे में वे 90 प्रतिशत तक झुलस गई थीं.

डॉ. गिरिजा व्यास भारतीय राजनीति की एक ऐसा सौम्य चेहरा थीं जिन्हे भरपूर सम्मान और अवसर मिला. वे विदुषी थीं और राजनीति में रहकर उन्होने अपनी बुद्धमत्ता का मुजाहिरा भी खूब किया. लोकप्रियता का प्रमाण ये है कि डॉ गिरिजा व्यास एक, दो मर्तबा नहीं बल्कि पूरे  चार बार सांसद चुनी गई.

डॉ व्यास उन खुशनसीब राजनेताओं में शुमार की जाती हैं जिन्हे मात्र पच्चीस वर्ष की आयु में ही विधायक या सांसद बनने का मौका मिलता है. डॉ गिरिजा व्यास भी 25 साल की उम्र में  राजस्थान विधानसभा की सदस्य बनी. केंद्र में डॉ व्यास को अनेक मंत्रालयों का दायित्व सम्भालने का मौक़ा मिला। नरसिम्हा राव सरकार में आप सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और विगत मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार में आपने केन्द्रीय कैबिनेट में शहरी आवास एवं ग़रीबी उन्मूलन मंत्रालय की ज़िम्मेवारी को बख़ूबी निभाया।एक मंत्री के रूप में मेरी उनसे दो मुलाकातें हुई.

डॉ. व्यास राष्ट्रीय महिला आयोग की दो कार्यकाल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रही है। डॉ व्यास राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के अलावें लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद एवं बतौर एआईसीसी मीडिया प्रभारी भी रहीं है। फ़िलहाल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के केंद्रीय चुनाव समिति के साथ-साथ विचार विभाग की चेयरपर्सन एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुखपत्र कांग्रेस संदेश पत्रिका की मुख्य सम्पादक थीं. उनके कवि होने का पता मुझे बाद में चला. मेरी नजर में वे एक ऐसी कवयित्री थीं जिन्होंने राजस्थान से निकल कर देश के साहित्य और राजनीतिक जगत में अपनी अलग पहचान बनाई.

गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई, 1946 को नाथद्वारा के श्रीकृष्ण शर्मा और जमुना देवी के घर हुआ था.उन्होंने उदयपुर के मीरा कॉलेज से स्नातक और एमबी कॉलेज से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की.इसी कॉलेज ने बाद में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय का रूप लिया. व्यास ने यहीं से दर्शन शास्त्र में पीएचडी भी की. उनकी एक महत्वपूर्ण थीसिस गीता और बाइबिल के तुलनात्मक अध्ययन पर है.

उन्होंने एमए दर्शन शास्त्र में उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडल जीता और वे सभी संकायों में टॉप रहीं.

एक बार अनौपचारिक बातचीत में उन्होने बताया था कि वे नेता नहीं  नृत्यांगना बनना चाहती थीं.उनकी माँ उन्हे हमेशा

बुलबुल कहा करती थीं. माँ चाहती थीं कि उनकी बेटी एक दिन डॉक्टर बनेगी. वे डॉक्टर तो बनीं, लेकिन दर्शनशास्त्र में पीएचडी के बाद उनको यह उपाधि मिली.गिरिजा व्यास जब छोटी थीं तभी उनके पिता का निधन हो गया था. उन्होंने अपने परिवार को संभाला और उन्होंने शादी नहीं की.उन्होने पूरे 15 साल शास्त्रीय संगीत और कथक सीखा लेकिन इसके छूटने का कभी अफसोस भी नहीं किया.गिरिजा व्यास यूनिवर्सिटी ऑफ़ डेलावेयर (अमेरिका) में 1979-80 में पढ़ाने भी गईं थीं.

कांग्रेस की इस विदुषी नेत्री का प्रस्थान ऐसे समय में हुआ जब देशश पहलगाम हत्याकांड के शोक में डूबा था. वे स्मृतियों में सदैव रहेंगी. विनम्र श्रद्धांजलि.

@राकेश अचल

गुरुवार, 1 मई 2025

आदिम जाति कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप , जांच की मांग

ग्वालियर  ।  ग्वालियर के  आदिमजाति कल्याण विभाग में  अधिकारियों द्वारा खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है शासन प्रशासन पता नहीं क्यों मौन है । दर्जनों सैकड़ो नहीं है हजारों शिकायत है शासन प्रशासन के पास लंबित है वर्तमान सहायक आयुक्त जिन पर अतिरिक्त प्रभार है मूल पद प्राचार्य है राकेश गुप्ता को आज तक निलंबित नहीं किया जा रहा उन्हें शीघ्र निलंबित किया जाए ।

दलित आदिवासी महापंचायत अवाक्स और कसस द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कलेक्टर कमिश्नर से मांग करते हैं कि राकेश गुप्ता को तत्काल निलंबित कर लोक कार्यकाल की संपूर्ण जांच विभाग का किसी डिप्टी कलेक्टर को प्रभार देकर उच्च स्तरीय विभागीय जांच कर सेवा से पृथक किया जाए यदि यह अनुसूचित जाति या जनजाति के होते हैं तो कभी के निलंबित कर दिए गए होते उदाहरण के लिए आदिमजाति कल्याण विभाग  जिला श्योपुर के सहायक आयुक्त जो आदिवासी वर्ग से थे उन्हें निलंबित किया जा चुका इसी प्रकार दतिया के सीएमएचओ डॉक्टर हेमंत मंडेलिया को निलंबित कर दिया लेकिन सामान वर्क के अधिकारियों को बचाया जा रहा है।

यह सब भ्रष्टाचार विभाग के जिला प्रमुख की सहमति से होते है और हो रहे हैं कई शिकायत है शासन प्रशासन के यहां लंबित है कई जांच चल रही हैं नोटिस पर नोटिस दिए जा रहे हैं लेकिन निलंबित नहीं किया जा रहा पता नहीं शासन प्रशासन कब जागेगा और राकेश गुप्ता प्रभारी सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग ग्वालियर को कब निलंबित किया जाएगा।

 

जाति जनगणना सिर्फ गिनती नहीं, मोदी सरकार का सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने वाला कदम : डॉ अभय प्रताप सिंह

 Aapkedwar news–अजय अहिरवार ब्यूरो

टीकमगढ़ : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ अभय प्रताप सिंह यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का जाति जनगणना के युगांतकारी निर्णय के लिए उनका आभार एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि जाति जनगणना सिर्फ गिनती नहीं, मोदी सरकार का सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने वाला कदम है।

डॉ अभय प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय अत्यंत स्वागतयोग्य और दूरदर्शी है। यह पहल न केवल देश के समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि समाज के हर वर्ग को न्याय और समान अवसर प्रदान करने की दिशा में भी एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।

डॉ अभय प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस जातिगत जनगणना पर बस राजनीति करती रही, और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाने वाला ये निर्णय लिया।

पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद

 

पहलगाम हत्याकांड के बाद भारत ने पाकिस्तान का हुक्का पानी बंद कर दिया, अच्छा किया. पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से खदेड दिया, लेकिन क्या इससे काश्मीर में आतंकी हमले स्थाई रूप से रुक जाएंगे या ये लुक्का छिपी का खेल  पहले की तरह जारी रहेगा?

अगर आप गौर से देखें तो भारत ने पहलगाम हत्याकांड के बाद पाकिस्तान के खिलाफ अनेक प्रतिबंधात्मक कदम आनन फानन में उठाए किंतु सीधे हमला नहीं किया. पहले बार्डर सील किए, वीजा बंद किए, सिंधुजल रोका और अब हवाई मार्ग भी बंद कर दिया.

सरकार की इन तमाम कार्रवाइयों से अमन पसंद जनता मुतमईन है. लेकिन वीर, अधीर देवतुल्य कार्यकर्त्ता अधीर हैं. पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामण को उतावले उनके मन विचलित हैं. विचलित वे हिंदू भी हैं जिनके परिजन केवल हिंदू होने की वजह से मारे गये. लेकिन बाकी देश अपने अपने काम में लगा है. देश का काम केवल युद्ध करना ही नहीं उसे टालना भी होता है. युद्ध टलना ही चाहिए. लेकिन सवाल ये है कि असल मुद्दों को भी नहीं टालना चाहिए. हमारी या किसी भी देश की सरकार आपदा में, अवसर तलाश लेती है. चीन और अमेरिका की सरकारों ने पाकिस्तान के डर का फायदा अपने ढंग से उठाया है. ये दोनों महाशक्तियां भारत का आतंकवाद के खिलाफ समर्न कर रहीं हैं लेकिन पाकिस्तान को भी युद्धक सामान देने के लिए  तैयार बैठे हैं. दोनों को भारत से आतंकित पाकिस्तान पसंद है. आतंकित, भयभीत पाकिस्तान ही दोनों को मुफीद पडता है.

आने वाले दिनों में भारत  और पाकिस्तान की सरकारें युद्धराग मारू गाकर अपनी जनता को असल मुद्दों से भटकाए रख सकती है. सीमा पर और देश के भीतर तनाव सरकारों को हमेशा फायदा पहुंचाता है, सरकार किस दल की है ये महत्वपूर्ण नहीं होता.कांग्रेस ने अतीत में इस तनाव का लाभ उठाया, आज भाजपा की बारी है. इस माहौल में भी सियासत दबे पांव आगे बढ रही है. जातीय जनगणना का मुद्दा अब आम सहमति की ओर बढता नजर आ रहा है. लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहली बार मोदी सरकार का इस मुद्दे पर सशर्त समर्धन किया है. उन्होने सरकार से जातीय जनगणना की टाइम लाइन  बताने को कहा है.

राजनीति और प्रेम में यही फर्क है. राजनीति बिना शर्त नहीं चलती और प्रेम शर्तें मंजूर नहीं करता. दोनों की अपनी तबीयत है. राहुल देश में प्रेम की दूकान खोले बैठे हैं क्योंकि नफरत की तो असंख्य दूकानें पहले से मौजूद हैं. बहरहाल असल  मुद्दा पाकिस्तान  और आतंकवाद है. इस मुद्दे पर सरकार ने हमेशा की तरह चुप्पी साध रखी है. चुप्पी सरकार का बिना फल का बाण है. चलता भी है और जान भी नहीं लेता. रामजी ने मारीच को बिना बाण का बाण मारा थाऔर सात योजन पीछे धकेल दिया था.सरकार बिना युद्ध लडे पाकिस्तान को सात योजन पीछे करना चाहती है. युद्ध से पाकिस्तान तो बर्बाद हो जाएगा लेकिन भारत की भी कमर टूटेगी ही. भारत पहले से ही अमरीकी टेरिफ वार की मार झेल रहा है.

देश के मौजूदा हालात को देखकर प्रधानमंत्री जी ने 9 मई का अपना रूस दौरा टाल दिया. विक्ट्री डे पर आयोजन समारोह में मोदी जी को शामिल होना था. अब उनके स्थान पर रक्षामंत्री राजनाथ  सिंह रूस जाएंगे.विश्व भ्रमण प्रेमी किसी भी आदमी के लिए अपनी यात्रा स्थगित करना आसान बात नहीं है. देश को मोदीजी का आभारी होना चाहिए.

इस संक्रमणकाल में अब सब मौन हैं. न ममता की चर्चा है न मायावती की. न अखिलेश यादव सुर्खियों में हैं न नीतीशकुमार. भाजपा को भी नया अध्यक्ष चुनने से राहत मिली. हालांकि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का भारत पाक तनाव से कोई सरोकार नहीं है. वैसे भी अब भाजपा के लिए अध्यक्ष का चुनाव अब महत्वपूर्ण कार्य नहीं क्योंकि अब ये तदर्थ पद है. पहले पार्टी अध्यक्ष प्रधान होता था, अब प्रधानमंत्री पद महत्वपूर्ण हो गया है.

@ राकेश अचल

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कितना है मोदी जी के मौन का महत्व

  भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद दुनिया बोल रही है लेकिन हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने मौन व्रत धारण कर रखा ...